पंजाब में सड़कों की गुणवत्ता पर सख्ती: ठेकेदार होंगे ब्लैकलिस्ट, 5 साल रखरखाव और पंचायत की संतुष्टि अनिवार्य
- By Gaurav --
- Tuesday, 02 Dec, 2025
Punjab cracks down on road quality:
Punjab cracks down on road quality: मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने राज्य के सड़क बुनियादी ढांचे में ऐतिहासिक सुधार लाने के उद्देश्य से ‘सीएम फ्लाइंग स्क्वाड’ की शुरुआत की है। अक्टूबर 2025 में शुरू हुई यह पहल 44,920 किलोमीटर सड़कों के निर्माण की 16,209 करोड़ रुपये की विशाल योजना का हिस्सा है। इसका मकसद सड़क निर्माण में पारदर्शिता, गुणवत्ता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है। ग्रामीण इलाकों में खराब सड़कों से होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए यह कदम बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सीएम फ्लाइंग स्क्वाड की स्थापना का मुख्य उद्देश्य यह है कि सड़क निर्माण कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त न किया जाए। सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि सड़क घटिया गुणवत्ता की पाई गई या समय पर रखरखाव नहीं किया गया, तो संबंधित ठेकेदार को तुरंत ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। इसके साथ ही हर ठेकेदार को 5 वर्ष तक सड़क की देखभाल और मरम्मत की जिम्मेदारी दी गई है, जिससे सड़कों को लंबे समय तक सुरक्षित और टिकाऊ बनाए रखा जा सके। देश के कुछ राज्यों, जैसे उत्तर प्रदेश और झारखंड में जहां सड़क परियोजनाएं अक्सर देरी और खराब गुणवत्ता के चलते प्रभावित होती हैं, वहां पंजाब का यह मॉडल एक मिसाल के रूप में देखा जा रहा है।

सरकार द्वारा गठित यह फ्लाइंग स्क्वाड पंजाब मंडी बोर्ड और लोक निर्माण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से मिलकर बना है, जो विभिन्न जिलों में आकस्मिक निरीक्षण कर निर्माण की गुणवत्ता की जांच कर रहे हैं। विशेष रूप से 3,425 करोड़ रुपये की ग्रामीण लिंक रोड परियोजना पर इसकी कड़ी नजर है। जहां भी खराब निर्माण कार्य पाया गया, वहां तुरंत ठेकेदारों के अनुबंध रद्द किए गए। पंचायतों की संतुष्टि के बाद ही भुगतान जारी करने का नियम ठेकेदारों को जिम्मेदारी से काम करने के लिए प्रेरित कर रहा है।
अब तक सात जिलों में किए गए निरीक्षणों से पता चला है कि सड़कों की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। फ्लाइंग स्क्वाड की कार्रवाइयों ने ठेकेदारों को एक स्पष्ट संदेश दिया है—रखरखाव की जिम्मेदारी निभाने में चूक पर ब्लैकलिस्टिंग तय है। इससे न सिर्फ निर्माण कार्यों में गुणवत्ता बढ़ी है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई मजबूती मिली है। बेहतर संपर्क से किसानों, व्यापारियों और आम नागरिकों को प्रत्यक्ष लाभ पहुंच रहा है।
पंजाब का यह सख्त और पारदर्शी मॉडल उन राज्यों के लिए प्रेरणा बनकर उभरा है, जहां सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार और ठेकेदारों की मनमानी एक आम समस्या है। असम, उत्तराखंड और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में भी सड़कों का रखरखाव लंबे समय से चुनौती बना हुआ है। पंजाब ने यह साबित किया है कि यदि रखरखाव को अनुबंध का अनिवार्य हिस्सा बना दिया जाए, तो सड़कें न केवल टिकाऊ बन सकती हैं बल्कि विकास भी निरंतर आगे बढ़ सकता है।
इस पूरी प्रक्रिया में पंचायतों की भूमिका अहम है। ठेकेदारों को भुगतान तभी मिलेगा जब पंचायतें कार्य से संतुष्ट होंगी। यह नीति स्थानीय लोकतंत्र को मजबूत करती है और विकास की प्रक्रिया में लोगों की प्रत्यक्ष भागीदारी सुनिश्चित करती है। ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण सड़कों के चलते शिक्षा, व्यापार और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच पहले से अधिक सुगम हो रही है।
अंततः, सीएम फ्लाइंग स्क्वाड पंजाब सरकार की दूरदर्शिता और मजबूत इच्छाशक्ति का प्रतीक है। इस पहल ने ठेकेदारों को पूरी तरह जवाबदेह बनाकर सड़क निर्माण में गुणवत्ता के नए मानक स्थापित किए हैं। इससे पंजाब न केवल अपने बुनियादी ढांचे को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में बढ़ रहा है, बल्कि यह सख्त नीति राज्य के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की यह पहल निश्चित रूप से पंजाब को एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित कर रही है।